Jun 22, 2018

#हर_हर_में_हर



🌷#कण_कण में ईश्वर को मानते हो तो #जन_जन में भी #ईश्वर को लखना ही होगा


🌷जब तक हम ईश्वर को आँख बंद करके #खोजते रहेंगे तब तक भटकन के अलावा कुछ हासिल नही हो सकता


🌷 एक सच्चे भक्त के लिये खुली या बन्द आंखों का कोई फर्क नही होता वो तो हर समय चेतन होता है

#एक_शिशु_की_तरह सरल होता है


🌷 #हर_हर_में_हर होता है फिर दूसरों में हर ( ईश्वर ) क्यो नही देख पाते हम ??


#अपने_ज्ञान_के_मद_में_कहीं_हम_स्वयं_से_दूर_तो_नही_हो_रहे_है ??


🌷 जब तक हम ज्ञान को आत्मसात नही करेंगे तब तक ज्ञान देने वाले और लेने वाले का कोई महत्व नही है नादान


हमसे लिखने में कोई त्रुटि हो गयी हो तो हम क्षमाप्रार्थी है 🙏


🌿 अलख आदेश

🌿 नाथजी की फौज करेगी मौज

मैं_का_तू_में_विलय_ही_यात्रा_का_समापन_है



#मैं_का_तू_में_विलय_ही_यात्रा_का_समापन_है


🌷ये भी सत्य है कि जब तक "मैं" (अहम) नही तब तक "तू" (ईश्वर ) की खोज शुरू नही होती।
🌷जब "मैं" खोने लगती है तब "तू" का उदय होने लगता है ।
🌷ज्ञानी को ज्ञान से
🌷मूर्ख को प्यार से
🌷अभिमानी को मान से जीत सकते है

🌿 किन्तु जिसको जीतने की कोई लालसा ही न हो, उसके लिए क्या हार और क्या जीत नादान
🌿 एक बूंद जब सागर में मिलती है वो भी सागर ही बन जाती है और स्वयं का अस्तित्व समाप्त हो जाता है
🌿 उसी प्रकार जब आत्मा को परमात्मा का ज्ञान या कह लो कि स्वयं का ज्ञान हो जाता है तो स्वयं का अस्तित्व समाप्त हो जाता है


#फिर_मैं_मैं_नही_तू_ही_तू_शेष_रह_जाता_है


🌷अलख आदेश
🌷नाथजी की फौज करेगी मौज

समझेगा कोई समझनहारा



🌷 पिता से बड़ा पूत जानियो जामें बसे मान

🌷 गुरु ते बड़ा शिष्य मानियो तामे समावे ज्ञान

🌷 भगवान से बड़ा भक्त समझ ताके हर्दय बसे आप

#है_उलटनाथ_की_उलटी_वाणी 


#समझे_सो_मरे_नासमझ_ही_बचे




::-- मरणा हो तो गहराई में जाके मरीयो

अन्यथा छोटे बड़े शब्दो मे फस जाओगे

समझेगा कोई समझनहारा


🌷अलख आदेश


********** सोॐ नाथ **********

ठहर_कर_मत_जान

Image may contain: outdoor




#ठहर_कर_मत_जान

#जान_कर_ठहर_जा


🌿 सतगुरु चले शिकार पर, लेकर तीर-कमान
🌿 मूर्ख मूर्ख बच गये, मर गये संत सुजान


🌷 जो स्वयं को भेदेगा वो ही परली पार जाएगा
🌷 जो पहुँचा जाने वही, कहन सुनन से न्यारा है


🍂 सबकी सुनकर मन्थन कर
🍂 जो उचित हो स्वीकार कर


🍃 सोवे तू मुसाफ़िर नादान क्यों, चेत सके तो चेत
🍃 होले होले पग धर चला, उड़जा हंसा अपने देश


🌷अलख आदेश

🌷नाथजी की फौज करेगी मौज

हंसा पाये मानसरोवर, ताल तलैया क्यों डोले

Image may contain: 1 person, smiling



नमन, प्रणाम, अलख वंदन


हंसा पाये मानसरोवर, ताल तलैया क्यों डोले।
अलख बैठा घट ही भीतर, बाहर नैना क्यों खोले


शब्द शब्द बलवान मुसाफिर
यही मान अपमान मुसाफिर
बाँटो जितना, बढता जाता
दान करो नित ज्ञान मुसाफिर

हर हर

Image may contain: night

🌷तुझे मानने वाले ही है मुसाफिर-ऐ-नादान यहाँ
🌷जानने वाले तो कभी के अपने घर को चले गये

🌿हर हर ... #हर ( शिव ) में विलीन हो कर अपने अपने घर है चले जाते है
या फिर.............
🌿हर हर ... #अपने_कर्मो के अनुसार मुसाफिर बन यहाँ आ जाते है
🌷अलख आदेश
🌷नाथजी की फौज करेगी मौज

#सबसे_महत्वपूर्ण_बात




#सबसे_महत्वपूर्ण_बात
🌷 जो मनुष्य अपने माँ-बाप और गुरू में दोष ढूंढता है .....
उनकी कभी आध्यात्मिक उन्नति नहीं हो सकती
हो सकता है कि पैसेवाला बन जाये ...... 
लेकिन उस घर में कभी बरकत नहीं आती
🌷 अलख आदेश
🌷नाथजी की फौज करेगी मौज🌷

🌾सुन रे भाई देखा देखा एक खेल निराला



#समझेगा_कोई_समझनहारा●●●●●●

#है_शब्दजाल_ये_सत्य_है_मिथ्या_नही

#लगी_गांठ_खोले_जो_सो_चेतन_होवे


🌾सुन रे भाई देखा देखा एक खेल निराला
🌷बिना जड़ के एक पेड़ देखा, जिसके पात नज़र ना आता
🌷उसी पेड़ में एक पक्षी बोले चोंच पंख ना काया

🌾सुन रे भाई देखा देखा एक खेल निराला
🌷बिना ताल के एक सरोवर देखा जल नज़र नही आता
🌷मेरा गुरु ऐसा बहुरंगी वाही बैठ के मल मल नहाता

🌾सुन रे भाई देखा देखा एक खेल निराला
🌷बिन धरणी एक चूल्हा देखा तरह तरह का भोजन पकाया
🌷मेरा गुरु ऐसा मनमौजी बिन मुख भोजन खाया

🌾सुन रे भाई देखा देखा एक खेल निराला
🌷 बिन ईंट पत्थर के नगर देखा जिसमे करोड़ो जीव जा वासा
🌷पांच पचीस के संग मिल मनवा नाच नचाता


🌾सुन रे भाई देखा देखा एक खेल निराला
🌷बिना पैर के साधु देखा उलट सुलट चलता रहता
🌷मूल से पग धरता उलट अधरगढ़ चढ़ जाता

🌾सुन रे भाई देखा देखा एक खेल निराला
🌷कहे गुरुधर्मनाथ सुन रे सोॐनाथ नाथो की है ये माया सगुरा ही भेद भेद का पाया
🌷गगन मण्डल में चढ़ कर देख मुर्दे ने भी भोजन खाया


#गुरु_हमारा_ऐसा_जो_जीवन_नही_मरण_बताता

#साध_वही_जो_बिन_धूणी_तप_जाता


🌷अलख आदेश योगी गोरख