ना जले धरती ना जले आकाश
हुआ धूणे का प्रकाश........
नाथ धूणा वो धूणा होता है जहाँ पर सभी शक्तियां नतमस्तक होती है
धूणे की जय
धूणे वालो की जय जय
बोलिये श्री शम्भू जती गुरु गोरखनाथ की जय
माया स्वरूपी दादा मछेंदर नाथ की जय,
नवनाथ चौरासी सिद्धों की जय,
अटल क्षेत्र की जय,
काल भैरवनाथ की जय,
ज्वाला महामाई की जय,
सनातन धर्म की जय,
अपने-अपने गुरु महाराज की जय
जीव जगत की जय,
बोल साचे दरबार की जय,
हर हर महादेव की जय।
शेली श्रृंगी शिर जटा झोली भगवा भेष
कानन कुण्डल भस्म लसै, शिव गोरक्ष आदेश
ॐकार तेरा आधार,तीन लोक में जय-जयकार
नाद बाजे काल भागे,ज्ञान की टोपी गोरख साजे
गले नाद पुष्पन की माला,
रक्षा करे श्री शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथजी बाला
चार खाणी चार बानी, चन्द्र सूर्य पवन पानी
एको देवा सर्वत्र सेवा, ज्योत पाटलो परसों देवा
कानन कुण्डल गले नाद, करो सिद्धो नादोकार
सिद्धो गुरुवरों को आदेश आदेश
नाथजी की फौज करेगी मौज
श्री नाथजी गुरूजी को आदेश आदेश
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