Mar 20, 2017

🚩मैं भी एक पागल हूँ तू भी एक पागल है





मैं भी एक पागल हूँ
तू भी एक पागल है

कोई थोड़ा है कोई ज्यादा है 
कोई पूरा है कोई आधा है ।
कोई भक्ति में पागल है तो 
कोई माया में पागल है 
कोई अपने लिए पागल है 
कोई दूसरे के लिए पागल है
यह समस्त दुनिया ही पागल खाना है

लेकिन यह पागल होते कौन हैं

पा अर्थात ----पाने के लिए
गल अर्थात --- गल जाना

अर्थात् जो पाने के लिए गल जाये 
जो खुद की खुदी को मिटा दे 
उसको पागल ही कहना उचित है

पागल ही तो है इसलिए हम सब पागल ही तो है 
"सोॐ'' भक्ति में थोड़ा सा भोलापन और पागलपन मिलाकर देख 
ऐसी भक्ति की शक्ति का क्या कहना
अलख आदेश आदेश आदेश

No comments:

Post a Comment