वक्त के साथ निगल जायेगी धरा सबको
किसी ने भस्म होना है किसको ने दफ्न होना है
ना मेरा एक होगा न तेरा लाख होगा
न वक्त तेरा होगा न मेरा वक्त होगा
गरूर न कर शरीर का
तेरा भी खाक होगा
मेरा भी खाक होगा
इस पृथ्वी लोक पर सब नाशवान है जो इस पृथ्वी पर जन्म लेता हे उसे मृत्यु को प्राप्त होना ही है
हमारे जन्म से पहले हम मात्र शुन्य मे थे।
मृत्यु पश्चात् शून्यता मे समा जाएगें पूरा ब्रह्माण्ड मात्र कणों से बना है।
अतः मृत्यु पश्चात् सब कणों मे समा जाता है आत्मा परमात्मा मे समा जाती है।
जीव आत्मा जीवित रहते अपने किये हुए कर्म का फल भोगते हुए पुनः जन्म लेती हे।
"सोॐ'' ये अटल सत्य है -
ब्रह्म के इस ब्रह्माण्ड में विष्णु जी पालन-पोषण करते है और अन्त मे सब शिव में समा जाता है ।
फिर पुन शिव से उत्पत्ति होती हे
ये ही जीवन चक्र है । जय गुरुदेव
अलख आदेश योगी गोरख
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ॐ ही ॐ ॐ ही ॐ ॐ ही ॐ
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