Mar 20, 2017

🚩माँगो मत







ॐ शिव गोरख योगी 

मांगो मत ✖✖

मांगने से प्रार्थना गंदी हो जाती है 
प्रार्थना को मुक्त रहने दो "सोॐ''
मांग से मुक्त, 
तो ही प्रार्थना आकाश में उड़ पाती है
मांगने से प्रार्थना भारी हो जाती है
प्रार्थना आकाश तक नहीं उठ पाती

 मांगोगे भी तो क्या?

हमारा मन ही तो मांगेगा न! 
मन से मुक्त होना है। 
उसकी मांग की पूर्ति चाहोगे तो मन से मुक्त कैसे होओगे? 
मांग भी तो एक विचार है न? 
विचार के ही बाहर जाना है और विचार की ही पूर्ति मांगोगे, 
तो बाहर कैसे जाओगे? 
मांगो मत, 
मौन हो जाओ। 
बह जा सोम उसके चरणों में गंगाजल की तरह
धो दे उसके चरण अपने जीवन से, बस इतना काफी है। 
और फिर देख मिलता है बहुत
बिन मांगे मिलता है। 
अगर तुम्हारे भीतर प्रेम हो तो परमात्मा को मांग लेना

अगर ध्यान हो तो कुछ मांगना ही मत। 
ध्यान तो ऊंचे से ऊंचा शिखर है : 
कुछ मांगना ही मत"सोॐ'' 
चुप रह जाना—मौन,

 मिलेगा बहुत, 
पूरा परमात्मा बरस पड़ेगा तुम पर 
उसके आशीष ही आशीष फूलों की तरह तुम्हें लबालब भर देंगे 
जय गुरु धर्मनाथ आदेश आदेश 
अलख आदेश
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
सोम---9555779119 



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