काया गढ़ |
दसमं द्वार काया गढ़ में कहाँ होता है ??
मानव काया (सरीर ) में नो (9) दरवाजे तो दिखाई देते है किन्तु हमारी काया गढ़ में दस दरवाजे होते है।
जिसमे से 9 दरवाजे सभी के खुले है।
जब मृत्यु के समय प्राण निकलता है तो इन्ही 9 दरवाजो से निकलता है।
अर्थात
आँखों के 2 दरवाजे
नाक के 2 दरवाजे
कान के 2 दरवाजे
मुँह का 1 दरवाजा
मूत्र का 1 दरवाजा
मल का 1 दरवाजा
ये 9 दरवाजे ओपन दिखाई देते है
लेकिन ये 10 वा दरवाजा हमारे सिर पर होता है देशी भाषा में जहां पर हमारा एंटीना होता है वहाँ पर ही दसवा द्वार होता है।
इसी दरवाजे को योगी खोलने की कोशिस करते है और खोलते भी है ये सब विस्तार से गुरु महाराज जी समझा जा सकता है ।
इसे सहस्राह चक्र भी कहते है इस चक्र को जागृत करने से शरीर, बुद्धि व मन पर नियंत्रण करने में सहायता मिलती है
ये ही वो द्वार दरवाजा है जिसे खोलकर "सोॐ'' अपना जन्म मरण मिटा सकता है।
मूलाधार चक्र से चक्र दर चक्र को भेदन करते हुए योगी इसी दरवाजे को पार करता है
अलख आदेश योगी गोरख
गुरु धर्मनाथ को आदेश आदेश
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