बीज***अंकुर****पौधा***पेड़
कहते है की बीज अगर धरती पर पड जाये तो अंकुरित हो जाते है
चाहे उलटे पड़े या सीधे
बस समय समय पर पानी मिलता रहे
अर्थात :- ईश्वर की भक्ति प्रार्थना भी ऐसी ही है मन्त्र हो या न हो कोई बात नही
बस भाव होना चाहिए ।
अब एक बात और है ध्यान देने योग्य
कुछ मौसमी पौधे भी बनते है बीजो से जो कुछ ही दिनों में नष्ट भी हो जाते है
अर्थात :- जो धीरे धीरे अंकुरित होते है वे ही पेड़ बनते है ।
इसलिए सयम और विश्वास होना अति आवश्यक है।
इसलिए सयम और विश्वास होना अति आवश्यक है।
पग पग जो धरता है शिखर तक जाता है।
इसलिए सयम और विश्वास भी बहुत जरुरी है भाव के साथ
एक बीज लगाओ और उसे रोज रोज निकाल कर देखोगे तो वो कभी भी अंकुरित नही हो सकता
पौधा और पेड़ तो बहुत बड़ी बात है।
हमे अपनी बुद्धि को थैला नही बनाना चाहिए की जो मिले ठूस लो
ज्ञान की जगह हम जानकारी इस थैले में भरते रहते है
जो भी मिलता है
जहां से मिलता है
जैसा भी मिलता है
और और और
अच्छे वचन भी इसमें
बुरे वचन भी इसमें
किसी ने गलत बोला या गाली गलोच की वो भी इसमें
किसी ने अच्छी बात बोली या गुरुजनो की वाणी या मन्त्र वो भी इसमें
सब अच्छा बुरा भला सब ही तो है इसमें
यह सब ज्ञान नहीं है
ये मात्र जानकारियां ही है
क्योंकि ज्ञान तो वही है जो अपने अनुभव से मिलता है"सोॐ''
सभी जानकारी का मन्थन करना पड़ेगा
सभी जानकारी का मन्थन करना पड़ेगा
��जय गुरुदेव धर्मनाथ जी को आदेश��
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alkh aadesh
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