Mar 20, 2017

🚩पुरूष शब्द का अर्थ






��अलख पुरुष को आदेश��


पुरूष 



अर्थात :- पुरूष शब्द का अर्थ कोई आदमी नर इत्यादि नहीं है। पुरूष का अर्थ इसी शब्‍द में छिपा है।
पुर का अर्थ होता है: नगर
 पुरूष का अर्थ होता है: नगर के भीतर जो बसा है। 
हमारा शरीर नगर है सच मैं ही नगर है। विज्ञान की दृष्‍टि में भी नगर है।एक शरीर में लगभग सात अरब जीवाणु होते है। एक-एक शरीर में सात अरब जीवाणु है। सात अरब जीवित चेतनाओं का यह नगर है। 
जब हम जाग जायेंगे जान लेंगे कि—
न मैं देह हूं, न मैं मन हूं, न मैं ह्रदय हूं। मैं तो केवल चैतन्‍य हूं। 
उस क्षण हम पुरूष हो जायेंगे
स्‍त्री भी पुरूष हो सकती है
 पुरूष भी पुरूष हो सकते है। 
स्‍त्री और पुरूष से इसका कुछ लेना देना नहीं है। 
स्‍त्री की काया का परकोटा भिन्‍न है। यह परकोटे की बात है। घर यूं बनाओ या यूं बनाओ। घर का स्‍थापत्‍य भिन्‍न हो सकता है। द्वार-दरवाजे भिन्‍न हो सकते है। घर के भीतर के रंग-रौनक भिन्‍न हो सकती है। घर के भीतर की साज-सजावट भिन्‍न हो सकती है "सोॐ'' मगर 
घर के भीतर रहने वाला जो 
मालिक है, 
वह एक ही है। 
वह न तो स्‍त्री है, न पुरूष 
स्‍त्री और पुरूष दोनों के भीतर जो बसा हुआ चैतन्‍य है, 
वही पुरूष है।
अलख पुरुष को आदेश






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