नाथ धूणा
नाथ धूणा वो धूणा होता है जहाँ पर माया (शक्ति ) भी अपना शीश नमन करती है
आदेश आदेश। .......... योगी गोरख
नाथ धूणा क्या है ???
और ऐसा क्या है की यहाँ पर सब शक्तिया नतमस्तक हो जाती है ??
जैसा की हम सब जानते है की पांच तत्व हैं आकाश , वायु , अग्नि , जल और पृथ्वी
भगवान नाम भी इन्ही सब्दो से बना है / जैसे
पृथ्वी( भूमि ) = भ
आकाश(गगन frown emoticon ग
वायु=व्
अग्नि =अ
जल(नीर)= न
भ+ग +व् +अ +न =भगवान
और धूणे पर भी ये ही पांचो तत्व एक साथ होते है।
एक एक तत्व की सिद्धि न करके एक साथ पांचो तत्व की सिद्धि कर सके इसीलिए धूणे का निर्माण हुआ है।
यानि की जिसने इन तत्व पर विजय प्राप्त कर ली तो वो भगवन हो गया
और जिसने ये तत्व पैदा किये है वो क्या है और कौन है ??
वो स्वंयभू सदा शिव महाकाल इसीलिए हम उनके बारे में ज्यादा व्याख्यान नही कर सकते
क्योकि जहाँ पर सब खत्म हो जाता है वहाँ से शिव शुरू होते है।
जय नाथो के नाथ भोलेनाथ
ॐ ॐ ॐ
ये हमारे अपने विचार है गलत भी हो सकते है अगर कोई त्रिकुटी हो जाये तो हम क्षमा चाहते है
जय गुरुदेव
सब नाथो व् मित्रगणों से प्रार्थना है की हमारा मार्गदर्शन करे ''सोॐ''
आदेश आदेश आदेश
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