🌺🌺त्रिशूल जाप🌺🌺
ॐ गुरूजी आदेश गुरूजी सतगुरुओ को आदेश गुरूजी
ॐ गुरूजी,
आदिपुरुष ने त्रिशूल रचाया,
त्रिगुणों को एक बन्ध बसाया,
पहली धार सत्व गुण दिखाया,
दूजी धार रजस गुण चमकाया,
तीजी धार में तमस गुण भराया,
लोहे का त्रिशूल सतगुरु का मान
निर्गुण निराकार का ध्यान,
तीन लोक नो खण्ड चौदह भुवन
अलखपुरुष का त्रिशूल लहराया
नाथसिद्धो की वाणी साधक ने मानी
भय कटे रोग मिटे दूर हो नागन काली
पवित्र हो आसन,
पवित्र हो काया,
पवित्र हो धरती पाताल आकाश
जहाँ त्रिशूल का वास
भुत पिशाच ना आवे पास
रक्षा करे स्वंभूजति गोरखनाथ जी बाला
त्रिशूल जाप सम्पूर्ण भया अनन्त करोड़ सिद्धो में कथ मथ कर गंगाघाट पर कहा
गुरु के चरणों में नमस्कार बार बार नमस्कार
नाथजी गुरूजी को आदेश आदेश "सोॐ"
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त्रिशूल मन्त्र जपे , जो जन चित लाय
भूत प्रेत निकट ना आवे भय भाग दूर जाये
त्रिशूल मन्त्र रचा, तुच्छ मती अनुसार
त्रुटि क्षमा करें नाथ योगी, कर लेना स्वीकार
नहिं विद्या में निपुण हूँ, नहिं है ज्ञान विशेष
गुरु-नाथ योगी जन को, आदेश नमन करे सोॐनाथ
ॐ गुरूजी आदेश गुरूजी सतगुरुओ को आदेश गुरूजी