Feb 28, 2017

🚩नवनाथ दर्शन



नवनाथ दर्शन







नवनाथ-शाबर-मन्त्र




“ॐ नमो आदेश गुरु की।

ॐकारे आदि-नाथ, उदय-नाथ पार्वती।

सत्य-नाथ ब्रह्मा। सन्तोष-नाथ विष्णुः,

अचल अचम्भे-नाथ। गज-बेली गज-कन्थडि-नाथ,

ज्ञान-पारखी चौरङ्गी-नाथ। माया-रुपी मच्छेन्द्र-नाथ,

जति-गुरु है गोरखनाथ।


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घट-घट पिण्डे व्यापी, नाथ सदा रहें सहाई।

नवनाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई। ॐ नमो आदेश गुरु की।।


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नवनाथ-स्तुति




“आदि-नाथ कैलाश-निवासी, उदय-नाथ काटै जम-फाँसी।

सत्य-नाथ सारनी सन्त भाखै, सन्तोष-नाथ सदा सन्तन

की राखै। कन्थडी-नाथ सदा सुख-दाई, अञ्चति अचम्भे-

नाथ सहाई। ज्ञान-पारखी सिद्ध चौरङ्गी, मत्स्येन्द्र-नाथ

दादा बहुरङ्गी। गोरख-नाथ सकल घट-व्यापी, काटै कलि-

मल, तारै भव-पीरा। नव-नाथों के नाम सुमिरिए, तनिक

भस्मी ले मस्तक धरिए। रोग-शोक-दारिद नशावै, निर्मल

देह परम सुख पावै। भूत-प्रेत-भय-भञ्जना, नव-नाथों का

नाम। सेवक सुमरे धर्म नाथ, पूर्ण होंय सब काम।।”

प्रतिदिन नव-नाथों का पूजन कर उक्त स्तुति का २१ बार

पाठ कर मस्तक पर भस्म लगाए। इससे नवनाथों की

कृपा मिलती है। साथ ही सब प्रकार के भय-पीड़ा, रोग-

दोष, भूत-प्रेत-बाधा दूर होकर मनोकामना, सुख-सम्पत्ति

आदि अभीष्ट कार्य सिद्ध होते हैं। २१ दिनों तक, २१ बार

पाठ करने से सिद्धि होती है। 




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