सबसे बड़ी और सरल प्रार्थना
जब अपने इष्ट या गुरु साकार/निराकार
के सामने प्रार्थना करनी हो तो ..
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मौन हो जाओ
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ऐसे भाव ऐसी सुध होनी चाहिए की सब मन्त्र तंत्र भूल जाये
सब कुछ सब कुछ
आत्मा और परमात्मा से सब पर्दे हटने दो
जब सब कुछ मौन हो जायेगा तो एक होने लगेंगे
भावरूपी बादल गड़गड़ाने लगेंगे..
आँखे छलकने लगेगी
बरसात होने लगेगी
मन रूपी मोर नृत्य करने लगेगा
हर्दय भावविभोर होने लगेगा
भक्तिरूपी अँकुर फूटने लगेंगे
ये अँकुर ही एक दिन पेड़ बन जायेगा और ये पेड़ एक दिन बहुत से प्राणियों को सीतल छाया और फल देने के साथ साथ स्वयं भी आत्मसुख पायेगा।
तो आइये ....
मैं मैं से हम ..
हम हम से तू ही तू .....हो जाये
अलख आदेश योगी गोरख
जय जय गुरु धर्मनाथ को आदेश आदेश
नाथजी की फौज करेगी मौज
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