🌺🌺 चलते चलते
सभी गुरुजनो, ज्ञानीजनों, सन्तों मित्रजनो को नमन प्रणाम अलख आदेश
🌺🌺 मित्रता की भाषा शब्द नहीं अर्थ है
कई वर्षों से आप सभी के साथ से हम मूढ़मति को बहुत कुछ सीखने को प्राप्त हुआ उसके लिए हम आप सबके बहुत बहुत आभारी है
हम कभी मिले नही जानते नही थे एक दूसरे को लेकिन फिर भी एक अनोखा रिश्ता बन जाता है जब सब एक साथ चलते है
हर पल बहुत याद आएगी आप सबकी
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है
बहुत कुछ है कहने को किन्तु सभी शब्द भावनाओ में बह जाते है
🌺🌺 🙏 सोॐ नाथ 🙏 🌺🌺