Dec 8, 2017

चलते चलते





🌺🌺 चलते चलते

सभी गुरुजनो, ज्ञानीजनों, सन्तों मित्रजनो को नमन प्रणाम अलख आदेश

🌺🌺 मित्रता की भाषा शब्द नहीं अर्थ है


कई वर्षों से आप सभी के साथ से हम मूढ़मति को बहुत कुछ सीखने को प्राप्त हुआ उसके लिए हम आप सबके बहुत बहुत आभारी है

हम कभी मिले नही जानते नही थे एक दूसरे को लेकिन फिर भी एक अनोखा रिश्ता बन जाता है जब सब एक साथ चलते है
हर पल बहुत याद आएगी आप सबकी

किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है

बहुत कुछ है कहने को किन्तु सभी शब्द भावनाओ में बह जाते है

🌺🌺 🙏 सोॐ नाथ 🙏 🌺🌺

अँधकार और प्रकाश







🌺🌺 ॐ गुरुजी आदेश गुरुजी 🌺🌺

अँधकार और प्रकाश को हम मानव ने देव और दानव के रूप में बांट दिया है

प्रकाश है तो देव ने बनाया है
अंधेरा है तो दानव का निर्माण ही होगा


असल मे हम अपने अपने मन के गुलाम बनके बैठे है ....

जो अच्छा लगे तो देव।
जो बुरा लगे या भय लगे तो दानव।

एक भरम का दायरा बना लेते है और उसी में पड़े रह जाते है निकलने का प्रयास नही करते । इसे अपना अहंकार कह लो या फिर भय कह लो।

दोनों ही ईश्वर की रचना है ये क्यों भूल जाते है ।
प्रकाश और अँधेरा दोनों ही जीवन चक्र में महत्वपूर्ण है । एक खत्म तो जीवन खत्म

क्या अंधेरा और क्या प्रकाश एक योगी के लिए दोनों ही एक सामान होते है।

वह प्रकाश में भी ईश्वर का ध्यान करेगा और अंधेरे में भी ।

गोरख गोरख जो ध्यावे जन्म मरण का भय नही सतावे ... सोॐ नाथ

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अलख आदेश

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पहले अपने आप





पहले आप पहले आप नहीं 

पहले अपने आप 



अन्दर जो दिव्य शक्ति है, वह बाहर की सभी शक्तियों से बड़ी है
इसलिए किसी भी बात से डरने की कोई जरूरत नहीं है 
स्वयं पे विश्वास रखो अपनी अन्तरात्मा पर विश्वास रखो
आओ अपना अपना सुधार स्वयं करे 

अगर आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहते हैं
तो सबसे पहले खुद का नेतृत्व करना सीखना ही होगा 
इसलिए पहल अपने आप ही करनी है...सोॐ नाथ

अलख आदेश
नाथ जी की फौज करेगी मौज

स्वयं के साथ भी बैठ करो








कभी कभी स्वयं के साथ भी बैठ करो साहेब

बहुत सकुन प्राप्त होगा

कभी अपने संग भी बैठा करो शांति मिलेगी

जब सबसे माँग माँग कर थक जाओ तो स्वयं से माँगना 
परिणाम बहुत सुंदर और सार्थक प्राप्त होंगे......सोॐ नाथ
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अलख आदेश
नाथजी की फौज करेगी मौज


अलख आदेश
शिवगोरख आदेश आदेश

शिष्य तत्व







अलख आदेश🌿🌿


शिष्य तत्व उत्पन्न होने पर स्वंभू निराकार ईश्वर ( शिव ) ही स्वयं मानवरूप मे आकर गुरु रूप मे प्राप्त हो जाते हैं

🌿 उन्हें ढूंढना नही पड़ता 

🌿 कहीं भटकना नही पड़ता 

🌿 सद्गुरु योग्य शिष्य को स्वयं ढूँढते लेते है 

🌿🌿 जरूरत है तो स्वयं में शिष्य तत्व की उत्पत्ति करना.....सोॐ नाथ



अलख आदेश  


नाथजी की फौज करेगी मौज

प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका





ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥

🌿🌿 ब्रह्मा विष्णु शिव तीन रूप होते हुए भी एक ही है
🌿🌿 मानव काया में ब्रह्मांड समाया है ईश्वर के तीनो रूप भी इसी में है 


🌿 ब्रह्मा :- जब नर / नारी सर्जन करते है तो ब्रह्मा तत्व प्रधान होता है

यहाँ भोग है विलास है

🌿 विष्णु :- जब लालन पालन करते है तो विष्णु तत्व प्रधान होता है

यहाँ प्रेम है

🌿 शिव :- जब भक्तिरूप जाग्रत होता है तो शिव तत्व प्रधान होता है

यहाँ बैराग है.....सोॐ नाथ


अलख आदेश🌿🌿

सोॐ नाथ 🌿🌿

Dec 6, 2017

स्वयं की खोज🌿



🌿 स्वयं की खोज🌿🌿



🌿 खुद को खुद ही खुद में खोज ले 
🌿 नादान-ऐ-मुसाफिर हस्ती मिटने से पहले

🌿क्या हम स्वयं ऐसे है जिस प्रकार से हम स्वयं को दुसरो के सामने साबित करते है ??
🌿 कहीं स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने की होड़ में, हम स्वयं को गुमराह तो नही कर रहे ?? 
 कहीं ज्ञानी बनने के चक्कर मे, हम अपनी वास्तविक अबोध बालक जैसी निश्छल हँसी खो तो नही रहे है ?? 
🌿 कहीं हम अपने अहम को मौन का नाम देकर, एक दुसरे से कट तो नही रहे है ?? 


🌿हर हर *हर* को ढूंढ रहा है खोज रहा है 
🌿कोई जप से कोई तप से 
🌿कोई ज्ञान से कोई अज्ञान से 
🌿कोई मान से कोई अभिमान से 

🌿ईश्वर तो कण कण में है 
🌿खोजना है तो स्वयं को ही खोजो, 
🌿गुम ईश्वर नही है, गुम तो हम स्वयं है 

🌿ईश्वर को कण कण में तो मानने को तैयार है किन्तु....... 
🌿जन जन में कोई बिरला ही देख पाता है 

🌿प्यास ही कुँए की एहमियत निर्धारित करती है🌿 
जाने अनजाने में लिखने में कोई त्रुटि हो गयी हो तो हम क्षमाप्रार्थी है ...सोॐ नाथ



🌿नाथजी की फौज करेगी मौज🌿