Dec 8, 2017

अँधकार और प्रकाश







🌺🌺 ॐ गुरुजी आदेश गुरुजी 🌺🌺

अँधकार और प्रकाश को हम मानव ने देव और दानव के रूप में बांट दिया है

प्रकाश है तो देव ने बनाया है
अंधेरा है तो दानव का निर्माण ही होगा


असल मे हम अपने अपने मन के गुलाम बनके बैठे है ....

जो अच्छा लगे तो देव।
जो बुरा लगे या भय लगे तो दानव।

एक भरम का दायरा बना लेते है और उसी में पड़े रह जाते है निकलने का प्रयास नही करते । इसे अपना अहंकार कह लो या फिर भय कह लो।

दोनों ही ईश्वर की रचना है ये क्यों भूल जाते है ।
प्रकाश और अँधेरा दोनों ही जीवन चक्र में महत्वपूर्ण है । एक खत्म तो जीवन खत्म

क्या अंधेरा और क्या प्रकाश एक योगी के लिए दोनों ही एक सामान होते है।

वह प्रकाश में भी ईश्वर का ध्यान करेगा और अंधेरे में भी ।

गोरख गोरख जो ध्यावे जन्म मरण का भय नही सतावे ... सोॐ नाथ

🌺🌺🌺



अलख आदेश

  🌺🌺🌺

No comments:

Post a Comment