🌿 स्वयं की खोज🌿🌿
🌿 खुद को खुद ही खुद में खोज ले
🌿 नादान-ऐ-मुसाफिर हस्ती मिटने से पहले
🌿क्या हम स्वयं ऐसे है जिस प्रकार से हम स्वयं को दुसरो के सामने साबित करते है ??
🌿 कहीं स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने की होड़ में, हम स्वयं को गुमराह तो नही कर रहे ??
कहीं ज्ञानी बनने के चक्कर मे, हम अपनी वास्तविक अबोध बालक जैसी निश्छल हँसी खो तो नही रहे है ??
🌿 कहीं हम अपने अहम को मौन का नाम देकर, एक दुसरे से कट तो नही रहे है ??
🌿हर हर *हर* को ढूंढ रहा है खोज रहा है
🌿कोई जप से कोई तप से
🌿कोई ज्ञान से कोई अज्ञान से
🌿कोई मान से कोई अभिमान से
🌿ईश्वर तो कण कण में है
🌿खोजना है तो स्वयं को ही खोजो,
🌿गुम ईश्वर नही है, गुम तो हम स्वयं है
🌿ईश्वर को कण कण में तो मानने को तैयार है किन्तु.......
🌿जन जन में कोई बिरला ही देख पाता है
🌿प्यास ही कुँए की एहमियत निर्धारित करती है🌿
जाने अनजाने में लिखने में कोई त्रुटि हो गयी हो तो हम क्षमाप्रार्थी है ...सोॐ नाथ
🌿नाथजी की फौज करेगी मौज🌿
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