Nov 2, 2018
किसी_पागल_ने_सत्य_ही_कहा_है_कि ......
#किसी_पागल_ने_सत्य_ही_कहा_है_कि ......
🌿 अगर कोई हमको क्रोधित होने में सफल हो जाये तो.....
🌿 समझ लेना कि हम अभी बहुत ... पीछे लाइन में खड़े है
जो आवरण हमने ओढ़ रखा है छिन्न भिन्न हो जाता है
#चेत_सके_तो_चेत
🌷 अलख आदेश
🌷नाथजी की फौज करेगी मौज
पहले_इस_चक्र_को_तोड़_मुसाफिर
#पहले_इस_चक्र_को_तोड़_मुसाफिर
🌿 आखिर कब तक हम स्त्री और पुरूष की होड़ में दौड़ते रहेंगे??
🌿 दोनो स्वयं को श्रेष्ठतम सिद्ध करते रहे है और कर रहे है
#कब_हम_इस_होड़_से_ऊपर_उठेंगे ??
🌿 और बात करते है हम उस ईश्वर को छूने की
🌿 अपने अपने तर्को से उस अनछुए अलख ( ईश्वर) को भी नही छोड़ते हम
#वो_कहन_सुनन_से_न्यारा_है
ना कहने वाले ना सुनने वाले इस भेद को कोई नही भेद पाया
जिसने भेदन किया वो समझने वाले नादान थे
अलख आदेश💐💐
पहले अपने बन्धन तो खोल ले बावले
#ईश्वर_को_मानना_ही_बहुत_दुर्लभ_हैं
#जानना_तो_बहुत_दूर_की_बात_है_नादान
पहले अपने बन्धन तो खोल ले बावले
🌷अलख आदेश
🌾नाथजी की फौज करेगी मौज
**********************************************************
#मन्त्रो_को_पाना_है_तो_गुरु_के_वचनो_में_खोज
गुरु से स्वयं मन्त्रो को मत माँगो ... बल्कि गुरु ही देने पर विवश ( खुशी से ) हो जाये इतनी तपन स्वयं में पैदा कर नादान
🌿 गुरु ज्ञान बाँटते रहे, ले सके वही लेत
🌿 भभूत समझे तो लगे, वर्ना वह तो रेत
🌷 अलख आदेश
🌷 नाथजी की फौज करेगी मौज
जाग्रत का अनुभव मूल है,
🌷 जाग्रत का अनुभव मूल है,
🌷 स्वप्न का अनुभव उसकी नकल है
🌿 जन्म का अंधा स्वप्न में देख नहीं सकता,
🌿 जन्म का बहरा स्वप्न में सुन नहीं सकता
#कुँए_की_कीमत_नही_होती_अपितु_हमारी_प्यास_ही_कीमत_निर्धारित_करती_है_नादान
🌷जाग्रत रहना रे नगर में एक दिन चोर आवेगा
🌷आगे आगे गोरख जागे
🌿अलख आदेश
🌿नाथजी की फौज करेगी मौज
डूब_मर_नादान
डूब_मर_नादान
🌿 सागर में गोता मरते है तो जितनी गहरी हमारी सांस होती है उस से #आधी_दूरी तक ही उतर सकते है
आधी वापसी के रखनी होती है
#डूब_मरने_की_चाहत_हो_नादान_तो_बहुत_गहरे_तक_उतर_सकते_हो
ये ही ध्यान का पहला सबक है
जिसे तैरना है तैरो
जिसे डूब मरणा है मरो
समझने वाले समझ जाएंगे
🌿 अलख आदेश
🌿 नाथजी की फौज करेगी मौज
बन्धन_एक_हद_का
#बन्धन_एक_हद_का
🌿 ज्यादातर हम भय से भक्ति पूजा आराधना करते है
🌿 इसी कारण नियमो के दायरों में स्वयं को बंधक बनाकर रखते है
🌿 इसीलिए हम एक बेहद से पार नही उतर पाते
🌿 एक बार स्वयं को इस दायरे से पृथक करके देख नादान
🌿 फिर दिन रात शाम सवेरा दोपहर 24 घण्टे आपके अपने होंगे
#रोम_रोम_जाग्रत_होने_लगेगी
🌿 हद से बेहद से पार जाने का मार्ग खुल जायेगा
🌷 अलख आदेश
🌷 नाथजी की फौज करेगी मौज
सगुरा
#सगुरा
🌿 गुरु बनाया ..... हो गए हम सगुरे, बन गए हम ज्ञानी
🌿 अरे नादान जब तक हम गुरुसार को नही पकड़ पाएंगे
🌿 तब तक हम सगुरे नही हो सकते चाहे लाखो जतन करलो
🌷जब जब सार आवे हाथ
🌷तब तब काल निवावे माथ
#पूत_तो_हम_सब_होते_ही_है_सपूत_बनकर_आपा_भेद
🌿अलख आदेश
🌿नाथजी की फौज करेगी मौज
वह ज्ञान भला किस काम का ...
🌿 वह ज्ञान भला किस काम का ...
जिससे अपना और दुसरो का अहित हो.
🌷अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
🌿खाना पीना लेकिन छकना मत
🌿चलना दौड़ना किन्तु थकना मत
🌿देखना भालना लेकिन तकना मत
🌷अलख आदेश
🌷नाथजी जी फोज करेगी मौज
बात_कुछ_कड़वी_है
🌿जब तुम अपनी नजरो को मेरे वस्त्रो के आर पार कर सकने की शक्ति रखते हो तो....
फिर .....
🌿क्यो स्वयं को नही भेद लेते हो ??
🌿अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
अपने मरे बिना स्वर्ग भला कौन देखे
भोजन_और_भजन
#भोजन_और_भजन
🌿🌿🌿🌿🌿
भोजन और भजन ( भक्ति ) हमेशा पर्दे में ही अच्छे लगते है
कभी भी इनका ढिंढोरा नही पीटना चाहिए
अर्थात :- इनमें कोई दिखावा या प्रतिस्पर्धा नही होनी चाहिए
सरल और सहज ही उत्तम और श्रेष्ठ होता है
#कृपया_कन्या_पूजन_और_भण्डारे_को_फैशन_मत_बनाइये
फ़ोटो और लाइव का दिखावा करके हम आखिर क्या दिखाना चाहते है ???
🌿 बहुत बड़ा दानी ?????????
🌿 बहुत बड़ा भक्त ?????????????
🌿 अरे नादान कोई भण्डारे में प्रसाद खाने आ रहा है तो बड़ा वो है तू नही ।
#बड़ाई_वो_होती_है ... जो दूसरे करे.... स्वयं नही
🌿 समझेगा कोई समझनहारा
अलख आदेश 🌺🌺
नाथजी की फौज करेगी मौज🌿🌿
********** सोॐनाथ *********
औकात में ही रहना
🌿रहने को को कहीं भी रह ले नादान...महल में या झोपड़े में
किन्तु ...
🌿सदा अपनी औकात में ही रहना श्रेष्ठतम और हितकारी होता है
🌷अलख आदेश
नाग के शरीर में जहर होते हुए भी ..
🌿नाग के शरीर में जहर होते हुए भी ...
🌿नाग जहर से सुरक्षित रहता है जहर से नाग को कोई हानि नही होती अपितु ये जहर ही नाग का रक्षक होता है
🌿ठीक इसीप्रकार हमारे अन्तःकरण .....
1) मन
2) बुद्धि
3) चित्त
4) अहंकार .... भी हमारे रक्षक बन सकते है
🌿सबसे पहले हमें इन सबको जनना और समझना होगा और आपस मे मेल करना ही होगा नादान
🌿अलख आदेश
🌿नाथजी की फौज करेगी मौज
सोवत जाग्रत को आदेश आदेश
🌿सोवत जाग्रत को आदेश आदेश
#बिल्ली_को_देखकर_आँख_बंद_करके_मत_बैठो_वरना_झपट्टा_लगेगा_ही_लगेगा
🌿गुरुजी कहते है कि अरे नादान माया से भाग मत
🌿आनन्द तो माया बीच रहकर माया से अछूता रह कर है
🌿अन्यथा यह माया जरा सी चूक होने पर फिर से तुम्हें अपने आगोश में बाँध लेगी
🌿क्योंकि जहां पर बन्धन है मुक्ति भी उसी जगह से ही सम्भव हो सकती है
#जाग्रत_रहना_रे_नगर_में_जाग्रत_रहना
🌷गुरु धर्मनाथजी को आदेश
🌷अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
जीवन की कभी मृत्यु नही होती
🌿 जीवन की कभी मृत्यु नही होती
🌿 मृत का कभी जीवन नही होता
🌿 जो मृत था वह आज भी मृत है और हमेशा मृत ही रहेगा
🌿 जो जीवित था वह अभी भी जीवित है और आगे भी जीवित ही रहेगा
🌿 जन्म .. जीवन का प्रारंभ नहीं है और मृत्यु ... उसका अंत नहीं है।
🌿 जो जीवन को नहीं जानते हैं वे ही मृत्यु को जीवन का अंत कहते हैं
#हर_हर_हर_महादेव .... जय जय जय महाकाल
🌷अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
********** सोॐ नाथ ***********
कभी स्वयं के संग भी बैठा कर नादान
बहुत कुछ प्राप्त होगा
🌿 जिस दिन ये हंसा काया से निकल जायेगा
🌿फिर ना कोई अपना होगा और ना होगा कोई पराया
🌷अलख आदेश
🌿 जिस दिन ये हंसा काया से निकल जायेगा
🌿फिर ना कोई अपना होगा और ना होगा कोई पराया
🌷अलख आदेश
उलटे_काया_पलटे_माया
#उलटे_काया_पलटे_माया
🌿 अनन्त ब्रह्मांड में हम एक महीन से कण मात्र जरूर है किंतु...
🌿 हमारी इसी काया में ही समस्त ब्रह्मांड भी समाया है।
🌿 मूलभाग में चंदा है तो सहस्त्र में सूर्य भी है
🌿 त्रिवेणी का संगम भी है तो महासागर भी मौजूद है
🌿 तत्व है तो प्रकृतिया भी इसीमे स्थित है
🌿 शिव भी है शक्ति भी है
नाथ जी कहते है कि :- इस काया में जो निरन्तर अनाहत नाद बजता रहता है ...
उसे खोजो
उसे सुनो
🌿 जब काया उलटने लगेगी अर्थात:- भीतरी दर्शन होने लगेंगे तो माया भी पलटने लगेगी
( स्वयं का भेदन स्वयं ही करना होता है )
अलख आदेश
जय गुरु धर्मनाथ आदेश आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
#जर_जोरू_जमीन
#जर_जोरू_जमीन
🌿पहले इन तीनो से पार पा ले नादान
🌿समस्त माया इन्ही में समाहित है
ना जाने कितने आये और चले गए,
इन तीनो #महाचक्रो का भेदन कोई कोई बिरला ही कर पाता है
आज भी 99% साधु सन्त तपस्वी ज्ञानी ध्यानी संसारी इन्ही चक्रो में फँसे हुए है इन्ही चक्रो में चक्कर काट रहे है ( हम स्वयं भी अछूते नही है)
अगर हमारे शब्दो से किसी की भावनाओ को ठेस लगी हो तो सोॐ क्षमा प्रार्थी है
🌿अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
बार बार विसर्जन
🌿बार बार हर बार क्यो??
🌷एक बार ही अपने घट ( हर्दय ) में माँ को स्थापित कर ले नादान
🌿बार बार विसर्जन की नोबत ही नही आएगी
🌿अलख आदेश
अहम_और_वहम
🌿अग्नि को जल बुझा सकता है
🌿जल को अग्नि तपा सकती है
🌿विधी के विधान से कोई परे नही है
🌿सब पर एक दूसरे का पहरा लगा रखा है
🌿अलख आदेश
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#अहम_और_वहम_की_कोई_दवाई_कोणा_हुआ_करे
#सयाने_चतुर_मानस_खुद_ही_खुद_ने_ठग_लिया_करे
🌿बात तो अकसर सभी करना चाहते है
परन्तु....
🌿पहले तू पहले तू की प्रतीक्षा करते रहते है
🌿ज्यादातर झूटी मान मर्यादा के बन्धन में फँसे हुए है मुझ जैसे नादान
🌿अलख निरंजन... खोल दे सबके बन्धन
🌿अलख आदेश
मृत्यु_स्वयं_नही_आती
#मृत्यु_स्वयं_नही_आती_बल्कि_हम_जाते_है_मृत्यु_के_पास.
🌹इच्छा काया इच्छा माया इच्छा जगत बनाया
🌹इच्छा पार हैं जो विचरत उनका पार न पाया
🌹जोगी जग से न्यारा भेद का भेद बतावे
🌹सगुरा तो समझे निगुरा शब्दो में फस जावे
🌷ॐ गुरूजी आदेश गुरूजी सतगुरुओ को आदेश गुरूजी🌷
***************************************
🌿जब तक हम स्वयं सीखना नही चाहेंगे ।
🌿तब तक कोई भी हमे नही सीखा सकता ।।
🌿इसलिए स्वयं पर स्वयं की लगाम कसनी अनिवार्य है।।
🌷अलख आदेश
🌷आकार से सीख 🌹निराकार को ढूंढ
🌹🌷अलख आदेश🌷🌹
🌷आकार से सीख
🌹निराकार को ढूंढ
🌷ख़ामोशी को सुन
🌷मौन में गुन
🌹सब कुछ सीख
🌷सब कुछ भुल जा
🌹पत्थर सा कड़क हो
🌷पानी सा मुलायम बन
🌹शब्द से शब्द को भेद
🌷निशब्द बन जा
🌹अपने लक्ष्य को जान
🌷फिर मार्ग बना
*🌹जय गुरु देव धर्मनाथ आदेश आदेश🌷*
*🌿आकार से सीख* :- सभी से सीखो चाहे छोटा हो बड़ा । सबमे कुछ न कुछ जरूर होता है।
👉🏻नर हो या नारी
👉🏻पशु हो या पक्षी
👉🏻पेड़ हो या पौधे
👉🏻जीव या निर्जीव वस्तु आदि
*🌾निराकार को ढूंढ* :- साकार तो सबको दीखता ही है उस निराकार को भी ढूंढो जो सबमे है कण कण में है एकाकी है अलख है ईश्वर है यानि की अपने आप को भी अपनी अंतरात्मा को भी ढूंढो
*🌿ख़ामोशी को सुन* :- बहुत सी ऐसी बाते है जो ध्वनि न किये हुए भी हमे बहुत कुछ सीख सीखा जाती है उसे समझो अर्थात : *भाव को भी सुनो और समझो*
*🌾मौन को गुन* :- अर्थात: सब जानकारी शिक्षा को मौन होकर आत्मसात कर अपने हर्दय की गहराइयों में ले जाओ और चिंतन करो मंथन करो ज्ञानरूपी मक्खन मिल जायेगा।
*🌿सब कुछ सीख* :- सभी का ज्ञान होना आवश्यक है अच्छे का भी और बुरा क्या है उसका भी तभी बचाव सम्भवः होगा
*🌾सब कुछ भूल जा* :- अर्थात : सब सिखने का अर्थ ये नही है कि हम अपने ज्ञान का अहंकार करने लगे और समझने लगे की हमे सब आ गया है । इसका मतलब है कि एक अबोध बालक की तरह बन जाओ।
*🌿पत्थर का कड़क हो* :- इसका मतलब ये नही है कि अकड़ आ जाये घमंडी बन जाये
इसका तातपर्य है कि हमे हमारे लक्ष्य से कोई डिगा न सके
*🌾पानी सा मुलायम बन जा* :- पानी के स्वभाव से सीखना होगा की वो कितना मुलायम होता है धैर्यवान होता है कहीँ भी पहुँच जाता है ।
मुलायम होकर भी पत्थर को भी काट सकता है अतः धैर्यवान बन जा
*🌿शब्द से शब्द को भेद* :- शब्द ही तीर है शब्द ही ख़ंजर अतः जो बोले सोच समझ कर बोले बोलने से पहले विचार कर ले की जो हम बोल रहे है हानि या लाभ क्या है
*🌾निशब्द बन जा* बहुत सी ऐसी स्थति उत्तपन हो जाती है कि सत्य बोल पाना भी उचित नही होता ऐसी स्थति में निशब्द हो जाना ही उचित होता है ।
*🌿अपने लक्ष्य को जान* :- सबसे पहले ये सुनिश्चित कर लेना अनिवार्य होता है कि हमारा लक्ष्य क्या है ।
हमारा उद्देश्य क्या है। जब तक हमे अपने लक्ष्य का ज्ञान नही होगा तब तक भटकते ही रहेंगे इसलिए
*गुरु बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक होता है*
*🌾फिर मार्ग बना* :- अर्थात: जब हमें अपने लक्ष्य का पता चल जायेगा तो हम कोई न कोई रास्ता मार्ग बना सकते है ।
🌿 जब तक जानकारी को आत्मसात अर्थात अपने आत्मचिंतन से नही गुजारेंगे तब तक मात्र जानकारी बन कर दफन रहेगी ज्ञान नही बन सकता और आप में वो शक्ति है जो जो कोयले को हीरा बना सकती है ।
🌷आप अपना भाग्य अपने कर्मो से निर्मितकर सकते है बस इसके लिए सच्चई लग्न होनी चाहिए
🙏 अगर कोई त्रुटि लगे सोॐ क्षमाप्रार्थी है गिरने में बुराई नही है एक बार चलो तो सही कदम तो बढ़ाओ
👉 मंथन आवश्य करे 🌹
🌹अलख आदेश शिवगोरख🌹
🌷जय गुरु धर्मनाथ आदेश आदेश🌷
"नाथ जी की फौज करेगी मौज "
मनभेद नही होना चाहिए
हो सकता है कि कभी #मतभेद हो जाए ।
किंतु कभी #मनभेद नही होना चाहिए ।
🌿 क्रोधित हो तो क्रोध प्रकट कीजिए
क्रोध को निकाल बाहर कर देना चाहिए
किन्तु...... कभी #नफरत को अपने हर्दय में स्थान नही देना चाहिए
क्रोध कुछ पलों के होता है नफरत का विस्तार बहुत बड़ा होता है
🌷 अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
हीरे_को_तो_सभी_सम्भालते_है
#हीरे_को_तो_सभी_सम्भालते_है
#पत्थरों_को_कोई_कोई_बिरला
🌷सभी चाहते है कि हमे ज्ञानी जनो की संगत प्राप्त हो
🌷 किन्तु ... कभी सोचा है आपने कि..
मुझ जैसे नादानों का क्या होगा ???
कौन अपनाएगा हमें ??
🌿 कलाकार :- शिला को तराश कर शिवरूप बना सकते है
******************************************************************
🌿जिस परिवार में माता पिता / सास ससुर, बड़े बुजुर्गों की इज्ज़त नही होती है
🌷वहाँ भला पित्तर कैसे तृप्त होंगे??
क्या हम स्वयं को पूर्णरूप से जान गए है ??
🌿 क्या हम स्वयं को पूर्णरूप से जान गए है ??
अगर नही तो.......
🌿 फिर किस अधिकार से हम दूसरों में दोष खोजते फिरते है।
🌷शब्द शब्द का है मोल यहाँ
🌷बैठे है लेकर एक तोल यहाँ
🌷मौन ही रह गया अनमोल यहाँ
🌿अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौजकरे
***********************************************************************
🌷अगर हम अपने कर्तव्य से भागने हेतु घर/गृहस्ती का त्याग कर सन्यासी चोला धारण करते है तो ...
#हम_बुद्ध_नही_बल्कि_केवल_बुद्धू_बनेंगे
अलख आदेश
नाथजी की फौज करेगी मौज
🌷 गुरु नगर में अगर प्रवेश पाना है तो अपने कदमो के निशान भी मिटाकर आना ... ताकि वापसी का कोई मार्ग ही ना बचे।।।
अन्यथा यहीं से उलट पाँव वापसी कर लेना नादान
🌷अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
*********सोॐ नाथ**********
सत्य_ही_ईश्वर_है_ईश्वर_ही_सत्य_है
सत्य_ही_ईश्वर_है_ईश्वर_ही_सत्य_है
🌺 ईश्वर सभी जगह मौजूद है
🌺 अंदर निराकार रूप में
🌺 बाहर साकार रूप में
जो जैसे चाहो वैसे मानकर पूज लो
लेकिन जब तक हमको स्वयं पर ही विश्वास नही होयेगा तो अंदर बाहर में कोई नजर नही आएगा...
🌺 ईश्वर सत्य है और सत्य को हम शब्दो के बन्धन में नही बांध सकते
🌺 अगर हमारी आस्था सुंदर है सत्य भी सुंदर
🌺 जब हमारी कामनाएं बढ़ जाती है तो रोज नये विषय नये विचार हमारे समक्ष आते रहते है और हमारा मन अटकता रहता है और और के चक्कर में पिछला भूल जाता है
🌺 नित नये नये पर मन अटकता जाता है स्वयं से झूठ बोलता जाता है और अपने किए को खुद ही झुठलाता रहता है
🌺 कामनाओं का जाल भर्म का जाल फैलता ही जाता है ये सारे कामना के ही प्रतिबिम्ब है और सभी सत्य को धक्का मार मार कर पीछे करते जाते हैं और हमको सत्य की ओर मुड़ने का मौका भी नहीं देते
#दूसरे_के_चरित्र_से_पहले_हमे_स्वयं_अपना_चरित्र_पढ़ना_और_समझना_होगा।
🌺 अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
भक्त कोई भी हो (बन) सकता है
🌿भक्त कोई भी हो (बन) सकता है
🌿 यह मार्ग सभी के लिए समान रूप से खुला है।
🌿 भक्त होने के लिए किसी भी प्रकार की योग्यता, ज्ञान आदि की आवश्यकता नहीं।
🌿बस भक्त का सरल, सहज एवं निर्मल होना ही बहुत है।
🌿 जो व्यक्ति अद्वैष, मैत्री भाव युक्त, करूणा युक्त, अहंकार रहित, सुख-दुख सहने में सक्षम है वही भक्त बनने योग्य है।
*
*
🌷अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
🌿 यह मार्ग सभी के लिए समान रूप से खुला है।
🌿 भक्त होने के लिए किसी भी प्रकार की योग्यता, ज्ञान आदि की आवश्यकता नहीं।
🌿बस भक्त का सरल, सहज एवं निर्मल होना ही बहुत है।
🌿 जो व्यक्ति अद्वैष, मैत्री भाव युक्त, करूणा युक्त, अहंकार रहित, सुख-दुख सहने में सक्षम है वही भक्त बनने योग्य है।
*
*
🌷अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
पढ़ने वाले पढ़ लेंगे
🌿पढ़ने वाले पढ़ लेंगे
🌿गढ़ने वाले गढ़ लेंगे
शब्द शब्द का है मोल यहाँ
बैठे है लेकर एक तोल यहाँ
मौन ही रह गया अनमोल यहाँ
( नादान मुसाफिर )
*************************************************************
🌿जहाँ *तुम* हो वहाँ मैं हो सकता हूँ
किन्तु ....
🌿जहाँ *मैं* हूँ वहाँ और कोई नही समा सकता
🌷अलख आदेश
भक्ति में होवे भाव
🌷भक्ति में होवे भाव
🌷काया में होवे साध
🌿लगन मगन हो जावे जब दोनों हो साथ
हमारे कहने का तात्पर्य इतना सा है कि ....
🌷शब्दो की आवश्यकता दूसरे व्यक्ति को समझाने के लिए पड़ती है
ईश्वर स्वयं में ही.....
🌿जब साधक को समंझ आने लगता है तो शब्द मौन होने लगते है
🌷अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
एक_जिज्ञासा
#एक_जिज्ञासा
सभी ज्ञानिश्रेष्ट जनो को अलख वंदन💐💐
🌿भक्ति से ज्ञान का उदय होता है या फिर जब ज्ञान हो जाये तब भक्ति जागृत होती है ???
या फिर
#दोनों_एक_ही_सिक्के_के_दो_पहलू_है ???
#दोनो_एक_ही_रस्सी_के_दो_सिरे_है ???
आप सभी से विनती है कि हमारा मार्गदर्शन करने की कृपया करे 🙏
🌿ज्ञान:- अर्थात आत्मज्ञान न कि जानकारी .
काको निंदनीय काको वंदनीय दोनों पलड़े है भारी
नर_और_नारी_एक_द्रष्टिकोण
नर_और_नारी_एक_द्रष्टिकोण
🌿 ज्यादातर हम लोग नर और नारी के बीच ही अटके रहते है बहुत कम है जो इस भेद को भेद पाते है
🌷 हर #नर_में_नारी और हर #नारी_में_नर होता है
🌿 नर नारी काया परकोटे से अवश्य एक दूसरे से भिन्न होता है किन्तु इससे ऊपर उठते ही एक हो जाते है।
#हर_हर_में_हर .. दोनों में एक ही ईश्वर का वास होता है
🌷 दोनो एक दूसरे बिना अधूरे होते है
🌿 दोनों जब एक होते है तभी निर्माण होता है
🌷जो इस भेद को भेदता है वो ही सतपुरुष कहलाता है। शब्दो मे से सार निकाल लेता है
#आध्यात्मिकता_में_प्रवेश_करना_है_तो_नर_नारी_के_भेद_को_भेदकर_ऊपर_निकलना_ही_होगा अन्यथा यहीँ पर गोल गोल चक्कर काटते रह जाएंगे मुझ नादान की भाँति..
🌷अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
भेद_को_भेद
#भेद_को_भेद
🌿 त्याग दे सब माया, छोड़ दे विलाप
🍂 जप ले साँसम साँसम अजपा जाप
🍂 सोई कर विचार ले आपम आप
🌿 बस वहां जहाँ पहुंचे पुन्य न पाप
*
🍂 सूर्य बिन प्रकाश हुऐ , चांदनी चमके बिन चाँद
🌿 नीर बिन गंग बहे, बिन तीर्थ चारो धाम
🍂 घट भीतर चेतन धूणा, बिन अगन तपे पागलनाथ
*
🌿 समंझ समंझ की समंझ है
🍂 है समंझ समंझ का भेद
🌿 भेद भेद को भेदे, भेद रहे ना भेद
🌷अलख आदेश
🌷नाथजी की फौज करेगी मौज🌷
दिवे_तले_अंधेरा ....
#दिवे_तले_अंधेरा ....
🌿 अगर आप गुरु, ज्ञानी, सन्त, साधक, भक्त, आदि है तो .....
🌿 आपको क्रोध क्यो आता है ???
🌿 दो चार शब्दो से ही बौखला क्यो जाते है ??
🌿 हमारा ज्ञान ही सत्य है ये भर्म क्यो है ??
#दास_कहाई_के_आस_न_कीजै,
#आस_जो_कीजै_फिर_दास_नाही
किसी को हमारे शब्दो से ठेस पहुँची हो तो हम नादान क्षमाप्रार्थी है शब्द थोड़े कड़वे है जरूर है किंतु भाव सरल है
🌿🌿अलख आदेश
आ_अब_लौट_चले_उद्गम_की_ओर....
आ_अब_लौट_चले_उद्गम_की_ओर....
#मार्गदर्शन_तो_बहुत_कर_सकते_है_ज्ञानिश्रेष्ट#मंजिलदर्शन_तो_स्वयं_ही_करने_पड़ते_है_नादान
🌿आज के युग मे सबसे कठिन कार्य है निश्छल ( सरलता) होना
🌿दस आदमियो में स्वयं को मूर्ख नादान पागल कहना भी एक अहंकार ही है , वाह वाही पाने का अनूठा तरीका भर है
🌿क्योंकि कहीं न कहीं अपने को ज्ञानी सिद्ध करने की लालसा ही छिपी रहती है
🌿अगर येही दस आदमी हमे मूर्ख पागल कहने लगे जाये तो जूता पत्री होने में देर न लगेगी
🌿धीरे धीरे दिखावे की इस जिंदगी में हम स्वयं से दूर बहुत दूर होते जा रहे है
#आ_अब_लौट_चले_उद्गम_की_ओर
🌿 अलख आदेश
#नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
मेरा_मन
#मेरा_मन
🌷 मन इस शरीर का राजा और सामान्य जीव अवस्था में नियंत्रणकर्ता है ।
🌷 इसीलिए मन को शेर कहते है
🌷 यह अष्टदल कमल पर चक्कर काटता रहता है । और विषय विकारों में
फ़ँसा होने के कारण एकाग्र नहीं होता ।
🌷 विकारों में प्रवृति होने के कारण यह जीव को भक्ति मार्ग की और
मुङने नहीं देता ।
और नाना प्रकार के पाप कर्मों में उलझाये रखता है ।
🌷 अष्टदल कमल की जिस पत्ती पर ये होता है । जीव को उसी के अनुसार कर्म में प्रवृत्त करता है ।
🌷 अष्टदल कमल की ये आठ पत्तिंया कृमश -------
1- काम
2- क्रोध
3- लोभ
4- मोह
5- मद (घमंड )
6- मत्सर (जलन)
7- ग्यान
8- वैराग हैं ।
🌷 मन शब्द प्रचलन में अवश्य है पर इसका वास्तविक नाम " अंतकरण " है ।
🌷 हमारे शरीर के अंदर पाँच तत्वों की पच्चीस प्रकृतियाँ ( एक तत्व की पाँच ) हैं । तो 25 प्रकृति + 5 ग्यानेन्द्रिया + 5 कर्मेंन्द्रियां + 5 तत्वों के शरीर का नियंत्रणकर्ता और राजा मन है । इसी आधार पर 40 kg weight को एक मन कहने का रिवाज हुआ था ।
#आपसभी_ज्ञानीजनों_का_हार्दिक_स्वागत_है_कृपया_मुझ_मूर्ख_नादान_को_अपने_सुझाव_प्रदान_करे
🌷🌷 अलख आदेश
🌷🌷 नाथजी की फौज करेगी मौज
ज्ञानमुक्त
#ज्ञानमुक्त
🌿हमारे जीवन काल मे ग्रन्थ, पुराण, पुस्तक आदि के ज्ञान का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता हैं....
किन्तु.....
🌿 जब #आत्मज्ञान उतपन्न होने लगता है तो इन सबके कोई मायने नही रह जाते।
🌿 ये वो दशा होती है जहाँ पर #ज्ञानमुक्त, #कर्ममुक्त और #स्वयं से भी मुक्त हो जाते है
🌷 अलख आदेश
🌿 #नाथजी_की_फौज_करेगी_मौज
ये सब गुरुजनों का प्रसाद है
अलख आदेश🌿🌿
कहने वाले से सो गुणा बेहतर होता है सुनने वाला
सुनने वाले से हजार गुणा बेहतर होता है गुनने वाला
गुनने वाले से लाख गुणा बेहतर होता है करने वाला
#हम_कोई_गुरुजी_या_ज्ञानी_महात्मा_नही_है
#हम_केवल_एक_सामान्य_नाथ_सेवक_है
🌷ये जो लेख हम फ़ेसबुक पर पोस्ट करते है ये सब गुरुजनों का प्रसाद है
#हम_जो_उनसे_सुनते_है_वो_लिख_देते_है ।
ज्ञान भरी बातें लिखने मात्र से कोई ज्ञानी या सन्त महात्मा नही हो जाता ... #जो_ज्ञान_को_आत्मसात_करता_है वोही असल मायनो में संत है ज्ञानी है
इसीलिए हम आप सभी मित्रजनो के मैसेजों का उत्तर नही दे पाते
हम आप सभी से #क्षमाप्रार्थी है
अलख आदेश💐💐
( एक नादान सेवक सोॐनाथ )
भक्त 🍃🍃
🌺🌺भक्त 🍃🍃
#एक_भक्त_स्वयं_को_और_स्वयं_के_विचारों_को_कभी_महत्व_नहीं_देता,
🌺 वह अलख / इष्ट का ध्यान करता है
🌺 क्योंकि वह जानता है कि वह कुछ भी नहीं है।
🌺 क्योंकि उसके लिए वह महत्वपूर्ण नहीं है, जो वह करता है।
🌺 क्योंकि वह जानता है कि अपने विचार, अपनी भावनाएं बनाने के लिए इस अस्तित्व में वह बेहद छोटा है।
🌺 क्योंकि सबको शिव तत्व के रूप में देखता है
🌺 क्योंकि सबको को शिव के रूप में मानने का अर्थ है कि.......
सभी को अपने से श्रेष्ट और बड़ा मानकर चल रहे हैं
अगर हम इस बात को समझ पाते हैं तो स्वाभाविक रूप से भक्त हैं।
#अन्यथा_मुझ_मुर्ख_नादान_जैसे_ढोल_ही_होते_है
🌺 जय गुरु योगी धर्मनाथ जी आदेश आदेश
🌺 अलख आदेश
हाथ_कंगन_को_आरसी_क्या..
हाथ_कंगन_को_आरसी_क्या....
🌷 बिना अनुभव के कोई कितना भी तर्क वितर्क कर ले सब मिथ्या ही है
🌿 मैं और मेरा, तू और तेरा - यही माया है - नादान
🌿 जिसने समस्त मानवो को अपने वश में कर रखा है
🌿कठोरता नही दृढ़ता होनी चाहिये
🌿कमजोरियां नही लचल होनी चाहिये
🌿जीवन लम्बा नही सार्थक होना चाहिये
#आगे_आगे_गोरख_जागे
#पीछे_सतगुरु_राखे
🌷 अलख आदेश
🌿 मैं और मेरा, तू और तेरा - यही माया है - नादान
🌿 जिसने समस्त मानवो को अपने वश में कर रखा है
🌿कठोरता नही दृढ़ता होनी चाहिये
🌿कमजोरियां नही लचल होनी चाहिये
🌿जीवन लम्बा नही सार्थक होना चाहिये
#आगे_आगे_गोरख_जागे
#पीछे_सतगुरु_राखे
🌷 अलख आदेश
ऊर्जा का गलत इस्तेमाल
🌿ऊर्जा का गलत इस्तेमाल हमेशा विनाशकारी होता है
🌿वहीँ एक ऊर्जा दूसरी ऊर्जा से मिलकर तीसरी ऊर्जा को जन्म देती है
#ऊर्जा_ही_ऊर्जा_की_जननीं_होती_है
#ऊर्जा_एक_ही_है_किंतु_स्वरूप_अलग_अलग_धारण_करती_है
🌿विश्वास करो उस शक्ति पर,
जो इस सृष्टि में रहती है
🌿निराकार हो कर भी हर पल ,
जो दुनिया थामे रहती है ..
उठ जग मुसाफिर चेत जरा, कोई आज मरा कोई कल मरा, कोई मरने को तैयार खड़ा।
🌿 अलख आदेश
पिया अंदर महल विराज रहे
🌿 जो नारी बड़े बड़े ऋषि, मुनि, तपस्वी, योगी, देवता को भी अपनी कोख से जन्म देती है
🌿 बिन मुख के गर्भ में खाना खिला देती है.
#किन्तु_फिर_भी_नारी_नरक_का_द्वार_कहलाती_है
👉 लानत है ऐसे बुद्धिजीवियों पर 😡
🌷पिया अंदर महल विराज रहे
🌷घर काजन मैं अटकाय रही
#जो_हारने_को_भी_तत्पर_रहे_जीत_उसी_की_सुनिश्चित_होती_है_नादान
🌿 हर हर हर अलख आदेश
🌿 अलख आदेश
झाड़ बिछोना सोइये खाट
🌷झाड़ बिछोना सोइये खाट
🌷कभी ना चलिये इकला बाट
🌿जो बोले अलख निरंजन
🌿कट जाये उसके सारे बन्धन
🌿 पलक के झपकने तक माया अपना खेल खेलती रहती है 🙃
जाग मुसाफिर जाग
🌿 अलख आदेश
एक_दिन_विशेष_ही_क्यों ????
🌷ॐ श्री गुरु धर्मनाथाय नमः🌷
#एक_दिन_विशेष_ही_क्यों ????
#पल_पल_हर_पल_गुरुपर्व_ही_होता_है
🌷ॐ गुरुजी आदेश गुरुजी सतगुरुओ को आदेश गुरुजी
🌿 जिस गुरु तत्व की महिमा बखान करने में बड़े बड़े ऋषि मुनि तपस्वी आदि असमर्थ है तो मुझ नादान की औकात ही क्या है
🌷अलख आदेश
मौन को सुनना
🌷मौन को सुनना
🌷शौर को गुनना
🌷धूप में दीया जलाना
🌷 रात के छाया पाना
🌿 जो तेरा है वो भाग कर आयेगा
🌿 जो तेरा नही है वो आ कर भी भाग जायेगा
🌿 अलख आदेश
भगवान आदिनाथ माँ आदिशक्ति
🌿 माँ आदिशक्ति जब #नृत्य_करती_हैं_तो_उससे_जगत_की_रचना_होती_है
🌿 आदिनाथ भगवान शिव का नृत्य सृष्टिप्रपंच का संहारक है।
🌿 माँ आदिशक्ति कामदेव को #जिलाने वाली हैं तो भगवान महाकाल शिव उसे #जलाने वाले अर्थात नष्ट करने वाले हैं
🌿 अलख आदेश
नाव_तो_क्या_बह_जाये_किनारा
नाव_तो_क्या_बह_जाये_किनारा
बड़ी_तेज_है_समय_की_धारा
🌿जो सोचते है कि हम समय को काट रहे है तो बहुत गलत सोच रहे है
🌿समय को भला कौन काट सका है
बल्कि समय ही हम सबको काट रहा है
🌿समय के पास भी समय नही है पल दो पल ठहरने का फिर नादान तू किस खेत की चकुंदर है ??
🌿जीवन मे लक्ष्य होना अनिवार्य है वरना बिना लक्ष्य के तो भटकाव ही मिलेगा
🌿समय के पार शून्य में स्थित होना का सरल मार्ग कर्ममुक्त भक्ति ही है
🌷अलख आदेश
किस्मत...
🌿 अपनी किस्मत को दोष देने से एक बार अवश्य सोचना नादान...
🌿 किस्मत ने अपना काम बहुत पहले ही कर दिया था ....मानव रूप में जन्म देकर
#अब_आगे_का_कर्म_तू_जाने...
🌿 जो तेरा है वो भाग कर आयेगा
🌿 जो तेरा नही है वो आ कर भी भाग जायेगा
🌿 जपो अलख निरंजन
🌿 कटे चौरासी के बंधन
🌿 अलख गोरख
अहंकार
🌿अहंकार हमारी अपनी ही कमजोरी है
🌿अहंकार हमारा अपना ही भय है
🌿अहंकार हमारी अपनी ही #मैं_मैं है
🌿अहंकार हमारी अपनी ही तराजू है
हम अपने को तोलने पर आ जाते है अपनी तुलना सामने वाले से करने लग जाते है
मैं किसी और से छोटा न हो जाऊ
मैं किसी से हार न जाऊ, कोई मेरे से जीत न जाये
मेरे से कोई ऊपर न हो जाये और भी बहुत सी ऐसी वैसी बाते है जिससे हम डरते रहते है भय रहता है हर समय
🌿 जब अहंकार आता है स्वयं को भान भी नही होता और सारे बाट तराजू व्यर्थ हो जाता है।
🌿 हमेशा अपनी जीत के लिए दौड़
🌿 किसी को हराने के उद्देश्य से मत दौड़
🌿 किसी को प्रतिद्वन्दी मत समझो
🌿 किसी के साथ होड़ मत कर नादान
#असली_मुकाबला_किसी_और_से_नही_है_सिर्फ_और_सिर्फ_स्वयं_से_ही_होना_चाहिए
🌿 अहंकार की जानकारी ही हमारा बचाव कर सकती है
ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से होड़
मेरी खुद की मंजिल मेरी अपनी दौड
🌿 🌿अलख आदेश योगी गोरख
🌾 नाथजी की फौज करेगी मौज
🌿अहंकार हमारा अपना ही भय है
🌿अहंकार हमारी अपनी ही #मैं_मैं है
🌿अहंकार हमारी अपनी ही तराजू है
हम अपने को तोलने पर आ जाते है अपनी तुलना सामने वाले से करने लग जाते है
मैं किसी और से छोटा न हो जाऊ
मैं किसी से हार न जाऊ, कोई मेरे से जीत न जाये
मेरे से कोई ऊपर न हो जाये और भी बहुत सी ऐसी वैसी बाते है जिससे हम डरते रहते है भय रहता है हर समय
🌿 जब अहंकार आता है स्वयं को भान भी नही होता और सारे बाट तराजू व्यर्थ हो जाता है।
🌿 हमेशा अपनी जीत के लिए दौड़
🌿 किसी को हराने के उद्देश्य से मत दौड़
🌿 किसी को प्रतिद्वन्दी मत समझो
🌿 किसी के साथ होड़ मत कर नादान
#असली_मुकाबला_किसी_और_से_नही_है_सिर्फ_और_सिर्फ_स्वयं_से_ही_होना_चाहिए
🌿 अहंकार की जानकारी ही हमारा बचाव कर सकती है
ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से होड़
मेरी खुद की मंजिल मेरी अपनी दौड
🌿 🌿अलख आदेश योगी गोरख
🌾 नाथजी की फौज करेगी मौज
फिर_क्या_होगा ?????
🌿आज गुरुजी गुरुजी कहते नही थकते
अगर कल को मालूम हो की जिसे हम गुरुजी कहते है उसे तो औरो के मुकाबले तन्त्र मन्त्र छूमंतर कुछ नही आता
फिर_क्या_होगा ??????
एक_पल_में_सब_कुछ_समाप्त ?????
🌿 एक बार नही दो बार नही हजार बार सोचो नादान
🌿 कहने मात्र से गुरु नही बनते
🌿 सोचने मात्र से गुरु नही बनते
#गुरु_बनते_है_श्रद्धा_से_विश्वास_से_समर्पण_से
इसलिये पहले स्वयं को परखो कि......
क्या हममे वो श्रद्धा है ??
क्या हममे वो विश्वास है ??
क्या हममे वो समर्पण है ??
गुर नगर में अगर प्रवेश पाना है तो अपने कदमो के निशान भी मिटाकर आना ... ताकि वापसी का कोई द्वार ही ना बचे
🌷अलख आदेश
ज्ञानरूपी_मन्त्र_चाहिए_तो_वचनो_में_खोजो
#ज्ञानरूपी_मन्त्र_चाहिए_तो_वचनो_में_खोजो
🌿 आजकल ज्यादातर साधू सन्तों की तरफ इसलिए आकर्षित होते है की उनके पास अमृत का प्याला होगा उसे पीकर अमर हो जाऊ
🌿 छूमंतर बोलते ही ईश्वर आएंगे और बोलेंगे की पुत्र मांगो वर मांगो
🌿 सत्संग का भी उनके लिए इतना ही मतलब होता है की कोई चिराग या मन्त्र हाथ लग जावे तो बल्ले बल्ले हो जाये
#मन्त्र_चाहिए_तो_वचनो_में_खोजो
🌿 ज्ञान का अमृतपान करना है तो आत्ममंथन करना ही पड़ेगा
🌿 इसे प्राप्त करने के लिए ही तो हमारे अंदर अच्छी बुरी प्रवृत्तियों में आपस में संघर्ष होता रहता है संग्राम चलता रहता है।
🌿गुरुजन भी आत्ममंथन ही करवाते है तब मिलता है अमृत
🌿कोई भी सन्त गुरु जन आपको ईश्वर से नही मिलवाता बल्कि ईश्वर में मिलवा देता है
🌿 अगर किसी को हमारे शब्दों से आपत्ति है तो हम नादान क्षमाप्रार्थी है
🌿 अलख आदेश
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