Nov 2, 2018

अहम_और_वहम



🌿अग्नि को जल बुझा सकता है
🌿जल को अग्नि तपा सकती है

🌿विधी के विधान से कोई परे नही है
🌿सब पर एक दूसरे का पहरा लगा रखा है


🌿अलख आदेश


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#अहम_और_वहम_की_कोई_दवाई_कोणा_हुआ_करे
#सयाने_चतुर_मानस_खुद_ही_खुद_ने_ठग_लिया_करे

🌿बात तो अकसर सभी करना चाहते है
परन्तु....
🌿पहले तू पहले तू की प्रतीक्षा करते रहते है
🌿ज्यादातर झूटी मान मर्यादा के बन्धन में फँसे हुए है मुझ जैसे नादान


🌿अलख निरंजन... खोल दे सबके बन्धन

🌿अलख आदेश

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