🌹🌷अलख आदेश🌷🌹
🌷आकार से सीख
🌹निराकार को ढूंढ
🌷ख़ामोशी को सुन
🌷मौन में गुन
🌹सब कुछ सीख
🌷सब कुछ भुल जा
🌹पत्थर सा कड़क हो
🌷पानी सा मुलायम बन
🌹शब्द से शब्द को भेद
🌷निशब्द बन जा
🌹अपने लक्ष्य को जान
🌷फिर मार्ग बना
*🌹जय गुरु देव धर्मनाथ आदेश आदेश🌷*
*🌿आकार से सीख* :- सभी से सीखो चाहे छोटा हो बड़ा । सबमे कुछ न कुछ जरूर होता है।
👉🏻नर हो या नारी
👉🏻पशु हो या पक्षी
👉🏻पेड़ हो या पौधे
👉🏻जीव या निर्जीव वस्तु आदि
*🌾निराकार को ढूंढ* :- साकार तो सबको दीखता ही है उस निराकार को भी ढूंढो जो सबमे है कण कण में है एकाकी है अलख है ईश्वर है यानि की अपने आप को भी अपनी अंतरात्मा को भी ढूंढो
*🌿ख़ामोशी को सुन* :- बहुत सी ऐसी बाते है जो ध्वनि न किये हुए भी हमे बहुत कुछ सीख सीखा जाती है उसे समझो अर्थात : *भाव को भी सुनो और समझो*
*🌾मौन को गुन* :- अर्थात: सब जानकारी शिक्षा को मौन होकर आत्मसात कर अपने हर्दय की गहराइयों में ले जाओ और चिंतन करो मंथन करो ज्ञानरूपी मक्खन मिल जायेगा।
*🌿सब कुछ सीख* :- सभी का ज्ञान होना आवश्यक है अच्छे का भी और बुरा क्या है उसका भी तभी बचाव सम्भवः होगा
*🌾सब कुछ भूल जा* :- अर्थात : सब सिखने का अर्थ ये नही है कि हम अपने ज्ञान का अहंकार करने लगे और समझने लगे की हमे सब आ गया है । इसका मतलब है कि एक अबोध बालक की तरह बन जाओ।
*🌿पत्थर का कड़क हो* :- इसका मतलब ये नही है कि अकड़ आ जाये घमंडी बन जाये
इसका तातपर्य है कि हमे हमारे लक्ष्य से कोई डिगा न सके
*🌾पानी सा मुलायम बन जा* :- पानी के स्वभाव से सीखना होगा की वो कितना मुलायम होता है धैर्यवान होता है कहीँ भी पहुँच जाता है ।
मुलायम होकर भी पत्थर को भी काट सकता है अतः धैर्यवान बन जा
*🌿शब्द से शब्द को भेद* :- शब्द ही तीर है शब्द ही ख़ंजर अतः जो बोले सोच समझ कर बोले बोलने से पहले विचार कर ले की जो हम बोल रहे है हानि या लाभ क्या है
*🌾निशब्द बन जा* बहुत सी ऐसी स्थति उत्तपन हो जाती है कि सत्य बोल पाना भी उचित नही होता ऐसी स्थति में निशब्द हो जाना ही उचित होता है ।
*🌿अपने लक्ष्य को जान* :- सबसे पहले ये सुनिश्चित कर लेना अनिवार्य होता है कि हमारा लक्ष्य क्या है ।
हमारा उद्देश्य क्या है। जब तक हमे अपने लक्ष्य का ज्ञान नही होगा तब तक भटकते ही रहेंगे इसलिए
*गुरु बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक होता है*
*🌾फिर मार्ग बना* :- अर्थात: जब हमें अपने लक्ष्य का पता चल जायेगा तो हम कोई न कोई रास्ता मार्ग बना सकते है ।
🌿 जब तक जानकारी को आत्मसात अर्थात अपने आत्मचिंतन से नही गुजारेंगे तब तक मात्र जानकारी बन कर दफन रहेगी ज्ञान नही बन सकता और आप में वो शक्ति है जो जो कोयले को हीरा बना सकती है ।
🌷आप अपना भाग्य अपने कर्मो से निर्मितकर सकते है बस इसके लिए सच्चई लग्न होनी चाहिए
🙏 अगर कोई त्रुटि लगे सोॐ क्षमाप्रार्थी है गिरने में बुराई नही है एक बार चलो तो सही कदम तो बढ़ाओ
👉 मंथन आवश्य करे 🌹
🌹अलख आदेश शिवगोरख🌹
🌷जय गुरु धर्मनाथ आदेश आदेश🌷
"नाथ जी की फौज करेगी मौज "
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